कृष्ण भजन : ठकुरानी राधा रानी ठाकुर हैं मुरली वाला (कार्तिक मास विशेष बहुत मस्ती से भरा भजन)

 

 

कुर्बान क्यों न जाऊं दरबार है निराला ठकुरानी राधा रानी ठाकुर हैं नंदलाला 

क्या खूब सज रही हैं झूले पे राधा रानी , झूला झूला रहे हैं हंस हंस के नंदलाला 

कुर्बान क्यों न जाऊं दरबार है निराला

 सब पूछती हैं सखियां पहचान इनकी क्या है , सिर पे मुकुट है बांधा और श्याम रंग है काला 

कुर्बान क्यों न जाऊं दरबार है निराला 

सखियों के संग में दोनों रास रचा रहे हैं , इस ओर राधा रानी उस ओर नंदलाला 

कुर्बान क्यों न जाऊं दरबार है निराला 




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