तुलसी कृष्ण भजन : भोग लगे भगवान को श्याम (कार्तिक मास विशेष बहुत ही मधुर मनमोहक भजन सुनें)

 

 

तुलसी की पात (पत्ती) कहां पाऊं रे श्याम तुलसी पे रीझे श्याम तुलसी पे मचले 

तुलसी का विरवा ब्रह्म जी के अंगना , ब्रह्म जी के अंगना वेदधारी के अंगना ब्रम्हाणी तोड़न न दें रे श्याम तुलसी पे रीझे श्याम तुलसी पे मचले 

तुलसी का विरवा विष्णु जी के अंगना , विष्णु जी के अंगना चक्रधारी के अंगना लक्ष्मी मैया तोड़न न दें रे श्याम तुलसी पे रीझे श्याम तुलसी पे मचले 

तुलसी का विरवा भोले जी के अंगना , भोले जी के अंगना डमरू वाले के अंगना गौरा मैया तोड़न न दें रे श्याम तुलसी पे रीझे श्याम तुलसी पे मचले

 तुलसी का विरवा भक्तों के अंगना भोग लगे भगवान को श्याम तुलसी पे रीझे श्याम तुलसी पे मचले 




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