सपने में देखी रे कन्हैया तेरी सूरतिया
तेरी अंखियां हैं कजरारी माथे पे लट घुंघराली नैनों में समा गयी रे कन्हैया तेरी सूरतिया
तेरे शीष पे मुकुट विराजे कानों में कुण्डल साजे मेरे दिल में उतर गयी रे कन्हैया तेरी सूरतिया
तेरे गले में बैजन्ती माला तूने ओढ़ा कामर काला मोहे घायल कर गयी रे कन्हैया तेरी सूरतिया
तूने मुरली मधुर बजाई मैंने सुध बुध है बिसराई बैरागन बना गई रे कन्हैया तेरी सूरतिया
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