चेतावनी भजन : जब चुनरिया में आया बुढ़ापा हो गई डांवाडोल चुनरिया (आंखें खोल देगा ये भजन)


दिन दिन मैली होय चुनरिया दिन दिन मैली होय हर पल मैली होय चुनरिया हर पल मैली होय 

नौ महीने में बनी चुनरिया चुनरी है अनमोल चुनरिया दिन दिन मैली होय 

मात पिता ने जतन किये सब कीमत है अनमोल चुनरिया दिन दिन मैली होय 

जब रे चुनरिया में जीवन बचपन आयो खेल खेल बड़ी होय चुनरिया दिन दिन मैली होय 

जब रे चुनरिया में आई जवानी पैर पसारे सोय चुनरिया दिन दिन मैली होय 

जब रे चुनरिया में आयो बुढ़ापो हो गई डांवाडोल चुनरिया दिन दिन मैली होय 

काम क्रोध मद लोभ मोह ने कर दी माटी मोल चुनरिया दिन दिन मैली होय 

कहत कबीर सुनो भाई साधो सतगुरु उज्जवल करे चुनरिया दिन दिन मैली होय

 


 

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