कृष्ण भजन : सारी रात मैंने रोय रोय काटी नेक तरस नही आयो(कार्तिक मास विशेष मनमोहक भजन सुनें)

 

 

कान्हा मैंने बुलायो नही आयो छलिया मैंने बुलायो नही आयो सारी सारी रात मैंने रोय रोय काटी रोय रोय काटी नेक तरस नही आयो छलिया मैंने बुलायो नही आयो 

नरसी का तेरो मामा लगत है फूफा लगत है वाको भात भरायो कान्हा मैंने बुलायो नही आयो 

मीरा का तेरी बहना लगत है भाभी लगत है विष से अम्रत बनायो कान्हा मैंने बुलायो नही आयो 

द्रोपदी का तेरी सारी लगत है सरहज लगत है वाको चीर बढायो कान्हा मैंने बुलायो नही आयो

 गज से का तेरी रिश्तेदारी नातेदारी ग्राह से पिंड छुड़ायो कान्हा मैंने बुलायो नही आयो 

कुबजा से का तेरी रिश्तेदारी नातेदारी ऐसो सुघड़ बनायो कान्हा मैंने बुलायो नही आयो

 अर्जुन का तेरो साला लगत है जीजा लगत है गीता ज्ञान सुनायो कान्हा मैंने बुलायो नही आयो 




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