कृष्ण भजन : मैं पहुंची जमुना तीर मुझे मोहन मिल गया (पूर्णिमा स्पेशल जो आप सुनते ही रहेंगे)

 

 

मैं पहुंची जमुना तीर मुझे मोहन मिल गया 

जमुना के तीर सखी मोहन देखो आ गया मुरली की धुन से दिल मेरा लुभा गया मैं कैसे धरूं धीर मुझे मोहन मिल गया 

ओ छलिया अलबेला उसकी टेड़ी मेड़ी चाल है मोर मुकुट पीताम्बर सोहे गले बैजन्ती माल है ओ पकड़े मेरा चीर मुझे मोहन मिल गया

 श्याम सलोनी देख के सूरत मै तो बेसुध खो गई ऐसा जादू डाला मुझ पर तन मन की सुध भूल गई मैं हो गई उसकी हीर मुझे मोहन मिल गया 

मैं गवालिन भोली भाली दिल मेरा चुरा लिया मैं दीवानी हुई बाबरी एक झलक दिखला गया मै कैसे धरुं धीर मुझे मोहन मिल गया मुझे मोहन मिल गया 




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