उड़े जब जब मैया जी की चुनरी तो भक्तों का दिल मचले मैया मेरी हैं
उड़ चुनरी गई बागों में मिली माली के हाथों में कि माली का दिल मचले मैया मेरी हैं
उड़ चुनरी गई तालों पे मिली धोबी के हाथों में कि धोबी का दिल मचले मैया मेरी हैं
उड़ गई चुनरी गई कुयनो पे मिली कहरा के हाथों में कि कहरा का दिल मचले मैया मेरी हैं
उड़ चुनरी गई महलों में मिली राजा के हाथों में कि राजा का दिल मचले मैया मेरी हैं
उड़ चुनरी गई मन्दिर में मिली पंडित के हाथों में कि पंडित का दिल मचले मैया मेरी हैं
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