मनुवा चल बृंदावन धाम मुरलिया बज रही श्यामा की
बृंदावन में बाग बहुत हैं नाच रहे वन मोर मुरलिया बज रही श्यामा की मनुवा चल बृंदावन धाम मुरलिया बज रही श्यामा की
उड़ उड़ पंख गिरे यमुना में बीनत नंदकिशोर मुरलिया बज रही श्यामा की मनुवा चल बृंदावन धाम मुरलिया बज रही श्यामा की
उन पंखन से मुकुट बनाया पहनत नंदकिशोर मुरलिया बज रही श्यामा की मनुवा चल बृंदावन धाम मुरलिया बज रही श्यामा की
मुकुट पहन बरसाने गये हैं रास रचाया घनघोर मुरलिया बज रही श्यामा की मनुवा चल बृंदावन धाम मुरलिया बज रही श्यामा की
No comments:
Post a Comment