मेरा कोई न सहारा बिन तेरे घनश्याम सांवरिया मेरे
तुम दीनबंधु हितकारी आये हम शरण तुम्हारी काटो जन्म मरण के फेरे घनश्याम सांवरिया मेरे
बिषयों के जाल में फंसकर मोह ममता के पाश में कसकर मैंने दुख पाये बहुत घनेरे घनश्याम सांवरिया मेरे
हम दीन हीन संसारी आशा एक नाथ तुम्हारी तेरे चरण कमल के चेरे घनश्याम सांवरिया मेरे
तूने लाखों पापी तारे नही कोई गुण दोष विचारे खड़ा भिक्षु द्वार पे तेरे घनश्याम सांवरिया मेरे
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