छोड़ो छोड़ो रे चुनरिया को छोर लांगुरिया भोर दही लेके आ जाऊं
अरे न मानो पायल रख लेव जामे सब बृज की झनकार लांगुरिया भोर दही लेके आ जाऊंगी
अरे न मानो साड़ी रख लेव जामे छपे पपीहा मोर लांगुरिया भोर दही लेके आ जाऊंगी
अरे न मानो उड़री रख लेव जामे धरे हैं हीरालाल लांगुरिया भोर दही लेके आ जाऊंगी
अरे न मानो मटकी रख लेव जामे सोलह गऊन को दूध लांगुरिया भोर दही लेके आ जाऊंगी
सुनो सनो रे लांगुरिया हमरो लांगुरिया पूरो होय गयो रे अरे अपनो देव सुनाय लांगुरिया भोर दही लेके आ जाऊंगी
No comments:
Post a Comment