काली है कल्याणी है मैया कोई तेरा पार पावे
कलकत्ता में मां का द्वारा शक्तिपीठ कहलाती हैं मैया कोई तेरा पार न पावे
ब्रह्म विष्णु तुम्हें मनावें शंकर की पटरानी हैं मैया कोई तेरा पार न पावे
हाथों में तेरे खप्पर सोहे रूप बड़ो विकराल है मैया कोई तेरा पार न पावे
चंड मुंड मधु कैटभ मारे गले मुंड की माला है मैया कोई तेरा पार न पावे
मैया सबकी झोली भरती संकट सब हर लेती है मैया कोई तेरा पार न पावे
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