मैया खड़ीं मन्दिर में सोचें मन मन में भक्तों के घर जाना है जो मैया की ज्योति जलाये , ज्योति जलाये फल फूल चढ़ाये , फूले फले परिवार यही वर देना है
जो मैया को सिन्दूर लगाये सिन्दूर लगाये सोलह श्रृंगार कराये पाये वो अटल सुहाग यही वर देना है
जो मैया की आरती गाये आरती गाये जयकारा लगाये झोली भरेंगी तमाम यही वर देना है
जो मैया को भोग लगाये भोग लगाये भंडारा कराये भरे रहें भंडार यही वर देना है
जो मैया की शरण में जाये शरण में जाये ध्यान मां का लगाये पाये वो मुक्ति का द्वार यही वर देना है
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