राधा भजन: तेरी नगरी में आया है कोई मुरलीधर (राधा अष्टमी स्पेशल मनमोहक बहुत सुंदर भजन)

 

बोली बरसाने की नारि राधा चल के जरा निहार तेरी नगरी में आया है कोई मुरलीधर 

कांधे पे डाले हुए चूड़ियों की झोली है हाथों में जादुई कंगन मोतियों की चोली है सिर पे चुनरी गोटेदार कैसी मतवाली है चाल तेरी नगरी में आया है कोई मुरलीधर 

सूनी सूनी गलियों में जाये इतराये रे चूड़ी ले लो चूड़ी ले लो कहते मुस्कराये रे राधे देख ले एक बार तेरी गलियों में नंदलाल तेरी नगरी में आया है कोई मुरलीधर

 दौड़ी दौड़ी राधे मनिहारिन बुलाई रे चूड़ी पहनादे मेरी भर दे कलाई रे ऐसी पहनादे रंगदार जैसे प्यारे कृष्ण मुरार तेरी नगरी में आया है कोई मुरलीधर  



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