मारी मारी बछेड़ी ने लात लांगुरिया चुनरिया के चारो पल्ले फट गये रे
मेरे ससुर सुनें वो तो कुछ न कहें मेरी सासू लड़ें दिन रात लांगुरिया चुनरिया के चारो पल्ले फट गये रे
मेरे जेठ सुनें वो तो कुछ न कहें मेरी जिठनी लड़ें दिन रात लांगुरिया चुनरिया के चारो पल्ले फट गये रे
मेरी नंदोई सुनें वो तो कुछ न कहें मेरी ननद लड़ें दिन रात लांगुरिया चुनरिया के चारो पल्ले फट गये रे
मेरे देवर सुनें वो तो कुछ न कहें मेरी देवरानी लड़ें दिन रात लांगुरिया चुनरिया के चारो पल्ले फट गये रे
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