लांगुरिया गीत : चुनरिया के चारो पल्ले फट गये (नवरात्रि स्पेशल बहुत सुंदर लांगुरिया गीत)

 

मारी मारी बछेड़ी ने लात लांगुरिया चुनरिया के चारो पल्ले फट गये रे 

मेरे ससुर सुनें वो तो कुछ न कहें मेरी सासू लड़ें दिन रात लांगुरिया चुनरिया के चारो पल्ले फट गये रे 

मेरे जेठ सुनें वो तो कुछ न कहें मेरी जिठनी लड़ें दिन रात लांगुरिया चुनरिया के चारो पल्ले फट गये रे 

मेरी नंदोई सुनें वो तो कुछ न कहें मेरी ननद लड़ें दिन रात लांगुरिया चुनरिया के चारो पल्ले फट गये रे 

मेरे देवर सुनें वो तो कुछ न कहें मेरी देवरानी लड़ें दिन रात लांगुरिया चुनरिया के चारो पल्ले फट गये रे 



Share:

No comments:

Post a Comment