बुलालो बृंदावन गिरधारी श्याम मेरी बीती उमरिया सारी बुला लो बृंदावन गिरधारी
मोह ममता ने डाला डेरा न कोई सूझे रास्ता तेरा दीन दयाल पकड़ लो बंइया केवल आस तुम्हारी बुला लो बृंदावन गिरधारी
करूणा करो मेरे नटवर नागर जीवन की मेरे खाली गागर अपनी दया का सागर भर दो आई शरण तिहारी बुला लो बृंदावन गिरधारी
दीनदयाल ठुकरा न देना अपनी चरण कमल रज देना युगों-युगों से खोज रही मैं दर्शन दो गिरधारी बुला लो बृंदावन गिरधारी
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