ज्योति जली है यहां मैया छिपी हो कहां तेरे भक्त पुकारें आजा ओढ़े लाल चुनरिया आजा
ब्रम्हा आयेंगे जरुर वो मनायेंगे जरुर ब्राम्हणी के रूप में आजा ओढ़े लाल चुनरिया आजा
विष्णु आयेंगे जरुर वो मनायेंगे जरुर लक्ष्मी मैया के रूप में आजा ओढ़े लाल चुनरिया आजा
भोले आयेंगे जरुर वो मनायेंगे जरुर गौरा मैया के रूप में आजा ओढ़े लाल चुनरिया आजा
राम आयेंगे जरुर वो मनायेंगे जरुर सीता मैया के रूप में आजा ओढ़े लाल चुनरिया आजा
कृष्णा आयेंगे जरुर वो मनायेंगे जरुर राधा रानी के रूप में आजा ओढ़े लाल चुनरिया आजा
भक्त आयेंगे जरुर वो मनायेंगे जरुर लांगुर भैरव को लेके आजा भक्तों को दरश दिखा जा
No comments:
Post a Comment