मैं तो सोय रही सपने में मेरे घर आये नंदलाल मैं तो सोय रही सपने में मेरे घर आये गोपाल
धीरे से आके वाने बंशी बजाई मधुर मुरलिया मेरे मन भाई मैं तो सुन सुन हुई निहाल मेरे घर आये नंदलाल
मोर मुकुट और जरी का दुशाला चंपा चमेली गुलाबों की माला मैं तो निरख निरख बलिहार मेरे घर आये नंदलाल
कांधे पड़ी थी वाके काली कमलिया तिरछे खड़े थे मेरे बांके सांवरिया मेरे तन मन छाई बहार मेरे घर आये नंदलाल
धीरे से आके वाने मोको जगायो कृपा कर अपने गले से लगायो मेरे जग गये भाग्य सुहाग मेरे घर आये नंदलाल
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