ले गई ले गई रे हमारो चितचोर कन्हैया तेरी बांसुरिया
एक बात मैं कह दूं कान्हा बंशी न बजाना रोज रोज तुमसे मिलने का कैसे करूं बहाना तू तो निकला बहुत बड़ा चोर कन्हैया तेरी बांसुरिया
एक दिन तो मैं सुबह सबेरे दही बिलोवन लागी माखन तो मैं काढ़ न पाई बैरन बंशी बाजी वो तो ऐसी बजाई घनघोर सांवरिया तेरी बांसुरिया
देवी पूजन मैं चली ले पूजा की थाल मंदिर तक मैं पहुंच न पाई मिल गया मदन गोपाल मेरी दीन्ही कलइया मरोड़ कन्हैया तेरी बांसुरिया
एक बात मेरी सुन ले कान्हा फिर भी रह न पाऊं जब जब बाजे तेरी मुरलिया दौड़ी दौड़ी आऊं मेरे मन पे नही है कोई जोर कन्हैया तेरी बांसुरिया
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