पहले आदि गणेश मनाया करो फिर भोले जी का कीर्तन गाया करो
भोले जटा में बह रही गंगा धारा तेरे नाम का लोभी जग सारा गौरा पार्वती संग आया करो
भोले अंग भभूति रमाई हुई है गले सर्पों की माला पाई हुई है गौरा पार्वती संग आई हुई हैं
भोले कैसी अजब तेरी माया है कहीं धूप कहीं पर छाया है कहीं जंगल में मंगल मनाया करो
जो भी आदि गणेश मनाते हैं मुंह मंगिया मुरादें पाते हैं उनके सफल हो जाते हैं हाथ जोड़ फूल बरसाया करो फिर भोले जी का कीर्तन गाया करो
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