कृष्ण द्रोपदी भजन : हे गोविन्द हे गोपाल मेरी लाज तुम्हारे हाथ (बहन की लाज उबारी कन्हैया)

 

 

राखो लाज हमारी कन्हैया गिरधारी बिनती सुन लो हमारी सांवरिया बनवारी हे गोविन्द हे गोपाल मेरी लाज तुम्हारे हाथ जगत जनन से नाता छूटा सभी बड़ों से है दिल टूटा आई शरण तुम्हारी कन्हैया गिरधारी 

गणिका गीध अहिल्या तारी पत्थर से तुमने बनाई है नारी अब है मेरी बारी सांवरिया बनवारी

 जल्दी आओ देर न करना मुरलीधर मेरी रक्षा करना हमको आश तुम्हारी कन्हैया गिरधारी 

सुनके मोहन दौड़े आये भरी सभा में चीर बढाये बहन की लाज उबारी सांवरिया बनवारी 




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