बजाय रहे डमरू भोले बाबा गले में जिनके सर्पों की माला कानों में बिच्छू के झाला बजाय रहे डमरू भोले बाबा
भोले के तन पे सोहे मृगछाला गले में सोहे मुंडो की माला
भस्मी भभूति तन पे लपेटे चाल चलें मतवाला बजाय रहे डमरू भोले बाबा
खाये धतूरा भंगिया का गोला नाचे छम-छम मस्ती में भोला नंदी बैल की करते सवारी देवों में देव निराला बजाय रहे डमरू भोले बाबा
डमरू की डम डम मन सबका मोहे गौरा गणपति संग में सोहें तीन लोक के स्वामी जगतपति हैं सबके रखवाला बजाय रहे डमरू भोले बाबा
No comments:
Post a Comment