ओ शंकरा ओ भोलेनाथ तेरे घोंटे को पीकर हम मगन हो गये
हाथों में गढ़ुआ है गढ़ुये में गंगाजल ओ शंकरा ओ भोलेनाथ तुझे गंगाजल चढ़ाकर हम मग्न हो गये
हाथों में थाली है थाली में फल फूल ओ शंकरा ओ भोलेनाथ तुझे फल फूल चढ़ाकर हम मग्न हो गये
हाथों में थाली है थाली में भांग है ओ शंकरा ओ भोलेनाथ तेरी आरती करके हम मगन हो गये
संग में सखियां हैं सखियों संग ढोलक है ओ शंकरा ओ भोलेनाथ तुझे भजन सुनाकर हम मगन हो गये
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