कृष्ण भजन : मैया री मोहे चन्दा ला दे (जन्माष्टमी विशेष मनमोहक कान्हा भजन)


हठ पकड़े नंदलाला मैया री मोहे चन्दा ला दे
मात यशोदा बोलीं लाला न रो मेरे होते कैसी लाल भईं हैं तेरी अंखियां रोते रोते
हठ पकड़े नंदलाला मैया री मोहे चन्दा ला दे
चन्दा मामा बहुत दूर हैं कैसे तोको ला दूं फिर भी तू न माने तो मैं थाली में दिखला दूं
हठ पकड़े नंदलाला मैया री मोहे चन्दा ला दे
इतना कहकर मात यशोदा थाली लेकर आईं पानी भरकर दिखलाई है चन्दा की परछाईं
हठ पकड़े नंदलाला मैया री मोहे चन्दा ला दे
कृष्ण कन्हैया खुश होकर के लगे बजाने ताली मैया के बहकावे में ओ आ गये कृष्ण मुरारी
हठ पकड़े नंदलाला मैया री मोहे चन्दा ला दे


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