सोहर गीत: प्यारा न्यारा फूल खिला मन भाये मेरे अंगना (बहुत ही प्यारा सोहर गीत आपके लिए)



प्यारा न्यारा फूल खिला मन भाये मेरे अंगना आज भये आज भये ललना
मैंने सासू को ढूंढा सारे गांव में कितने कांटे चुभे हैं मेरे पांव सासू चरूआ रखाने नही आओगी चरूये की घड़ी बीत जायेगी सासू के बिन लागे मेरा अंगना सूना सूना आज भये आज भये ललना
मैंने जिठनी को ढूंढा सारे गांव में कितने कांटे चुभे हैं मेरे पांव में जिठनी पीपल पिसाने नहीं आओगी पीपल की घड़ी बीत
जायेगी जिठनी के बिन लागे मेरा अंगना सूना सूना आज भये आज भये ललना
मैंने ननदी को ढूंढा सारे गांव में कितने कांटे चुभे हैं मेरे पांव में ननदी काजल लगाने नही आओगी काजल की घड़ी बीत जायेगी ननदी के बिन लागे मेरा अंगना सूना सूना आज भये आज भये ललना
मैंने देवर को ढूंढा सारे गांव में कितने कांटे चुभे हैं मेरे पांव में देवर बंशी बजाने नही आओगे बंशी की घड़ी बीत जायेगी देवर के बिन लागे मेरा अंगना सूना सूना आज भये आज भये ललना



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