मन्दिर भवन और शिवालय तीनो ही बनवाय दूंगी जो शिवशंकर मेरे घर आये चरण पकड़ बैठाय लूंगी
चन्दन कुंडल और सर्पा तीनो ही मगवाय लूंगी जो शिवशंकर मेरे घर आये डमरु खूब बजाय दूंगी
बाघाम्बर मृगछाला भभूति तीनो ही मंगवाय लूंगी जो शिवशंकर मेरे घर आये धूनी खूब रमाय दूंगी
गौरा गणपति नंदी बाबा तीनो ही बुलवाय दूंगी जो शिवशंकर मेरे घर आये बैल सवारी कराय दूंगी
भांग धतूरा और आक मैं तीनो ही मंगवाय लूंगी जो शिवशंकर मेरे घर आये बैठ के भोग लगाय दूंगी
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