झूल रहीं राधा झुलाय रहे रे मेरे बांके बिहारी
काहे की डाली पे झूला पड़ो है काहे की लागी डोरी रे
मेरे बांके बिहारी झूल रहीं राधा झुलाय रहे रे मेरे बांके बिहारी
कदम की डाली पे झूला पड़ो रेशम की लागी डोरी रे
मेरे बांके बिहारी झूल रहीं राधा झुलाय रहे रे मेरे बांके बिहारी
घुमड़ घुमड़ के आवें बदरवा कूक रही कोयल काली रे
मेरे बांके बिहारी झूल रहीं राधा झुलाय रहे रे मेरे बांके बिहारी
हिलमिल सखियां गायें मल्हारें नाच रहे ग्वाले दे ताली रे
मेरे बांके बिहारी झूल रहीं राधा झुलाय रहे रे मेरे बांके बिहारी
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