रखना सुहागिन हमको गौरी मां सुनो बिनती हमारी रे
बिंदिया सिंदुरा मेरा हरदम चमके हाथों के कंगना खन खन खनके सिर पे हमेशा हाथ रखना गौरी मां सुनो बिनती हमारी रे
मेरा सुहाग ही काज है मेरा इनसे ही घर में मैया राज है मेरा इनके बिना न जिंदगानी गौरी मां सुनो बिनती हमारी रे
आंच कभी भी इनपे आने न देना बदले में चाहें मेरी जान मैया लेना जन्मों का बंधन जोड़े रखना गौरी मां सुनो बिनती हमारी रे
ख्वाहिश जो मन में वो सारी बताई कांधे पे इनके मेरी करना विदाई ओढ़े चुनरिया लाल जाऊं गौरी मां सुनो बिनती हमारी रे
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