न समझो रेशम की डोरी बहन का प्यार है भैया कवच रक्षा का ये धागा बंधा लो हाथों में भैया
न रूपया पैसा चाहूंगी न सोना चांदी चाहूंगी बस अपने दिल में थोड़ी सी जगह देना मेरे भैया
मैं जब भी आऊं मैके में हंस के सत्कार करना तुम बहन भाई के रिश्ते की लाज रखना मेरे भैया
भरी रहे मांग भाभी की अमर सिंदूर हो उनका करूं विनती मैं ईश्वर से जियें जुग जुग मेरे भैया
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