शिव भजन : मेरे भोले बाबा हैं जग से निराला पर्वत पे कुटिया (सावन स्पेशल बहुत प्यारा भजन)



मेरे भोले बाबा हैं जग से निराला पर्वत पे कुटिया बनाई भोले बाबा पर्वत पे कुटिया बनाई भोले बाबा
माथे पे चंदा जटाओं में गंगा कानों में बिच्छू सजाये भोले बाबा मेरे भोले बाबा हैं जग से निराला
हाथों में त्रिशूल कांधे पे झोली नागों की माला गले में भोले बाबा मेरे भोले बाबा हैं जग से निराला
अंग बाघाम्बर कमर मृगछाला डम डम डमरू बजायें भोले बाबा मेरे भोले बाबा हैं जग से निराला
गोदी में गणपति बगल में गौरा नंदी सवारी करें भोले बाबा मेरे भोले बाबा हैं जग से निराला
जो कोई भोले को जल रोज चढ़ावे मन चाहा वरदान पाये भोले बाबा मेरे भोले बाबा हैं जग से निराला


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