राम भजन : वन में चले रघुराई जानकी माई लखन भैया (एक बार अवश्य सुनें)



वन में चले रघुराई जानकी माई लखन भैया संग में हैं
राम बिना हुई सूनी अयोध्या लक्ष्मण बिना चतुराई जानकी माई लखन भैया संग में हैं
सीता बिन हुई सूनी रसोई रो रहे लोग लुगाई जानकी माई लखन भैया संग में हैं
राजा दशरथ ने प्राण तज दीन्हे कौशिलया शोक समाई जानकी माई लखन भैया संग में हैं
चौदह बरस तीनों वन में भटके पवन चले पुरवाई जानकी माई लखन भैया संग में हैं
रावण मार जब अवध में आये घर घर में बजत बधाई जानकी माई लखन भैया संग में हैं


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