राम भजन : सखी री मैं तो ढूंड़ फिरी मोहे ( बहुत ही प्यारा भजन सुनिए)



सखी री मैं तो ढूंड़ फिरी मोहे कहीं न मिले भगवान
सुना था बागों में भगवान कलियां तो मैंने खूब चुनी पर कहीं न मिले भगवान
सुना था गंगा में भगवान गंगा तो मैंने खूब नहाईं पर कहीं न मिले भगवान
सुना था गीता में भगवान गीता तो मैंने खूब पढ़ी पर कहीं न मिले भगवान
सुना था तीर्थ में भगवान तीर्थ तो मैंने खूब किये पर कहीं न मिले भगवान
सुना था मन्दिर में भगवान पूजा तो मैंने खूब करी पर कहीं न मिले भगवान
सुना था सत्संग में भगवान सत्संग मैंने खूब सुना वहां पाये श्री भगवान
सखी री मैं तो ढूंड़ फिरी मोहे मिल गये श्री भगवान


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