मिलो केवट कन्हैया से अगर उस पार जाना है शरण गीता की लो प्यारे अगर मुक्ति को पाना है
करो नित ध्यान केशव का जपो नित नाम माधव का
सुनो नित सार गीता का अगर जीवन बनाना है
मिलो केवट कन्हैया से अगर उस पार जाना है
धर्म रामायण सिखाती है भय से गीता बचाती है
करो नित कर्म सेवा का पार बेड़ा लगाना है
मिलो केवट कन्हैया से अगर उस पार जाना है
कुटुंब परिवार सुत दारा कभी न काम आते हैं
ज्ञान गीता का ही प्यारे हमारे संग जाना है
मिलो केवट कन्हैया से अगर उस पार जाना है
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