कृष्ण भजन : मोहन बन गए नर से नार



मोहन बन गये नर से नार करके सोलह सिंगार चूड़ी पहने लगाये हैं बिंदी माथे पर
१- सिर पे धरी एक छोटी सी पिटरिया चले इठलाते पहुंचे राधा की नगरिया ,
चूड़ी पहनो कोई नार करते गलियों में पुकार चूड़ी पहने...
२- राधा ने सुनी कहा ललिता से जाये बोली मनिहारी लाओ उसी को बुलाये,
 ललिता दौड़ी आई द्वार ले गयी मोहन को बुलाये चूड़ी पहने...
३- राधा ने कहा आओ आओ मनिहारी कौन गांव में रहती हो प्यारी,
रहती गोकुल में सरकार करती चूड़ी का व्यापार चूड़ी पहने...
४- राधा की मोहन ने पकड़ी कलाई जान गई राधा प्यारी आया कन्हाई ,
राधा मन ही मन मुस्काए मेरे श्याम गयी मैं हार चूड़ी पहने लगाये हैं बिंदी माथे पर..


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