विवाह गीत : राजा दशरथ के दोऊ लाल (आपकी फरमाइश पर बहुत प्यारा विवाह गीत)




राजा दशरथ के दोऊ लाल ब्याहन आये हरे हरे ब्याहन आये सीता मैया
मांग बन्नी के टीका सोहे बिंदिया करे कमाल हाथ में उनके धनुष बिराजे गले मुतियन की माल ब्याहन आये हरे हरे ब्याहन आये सीता मैया
गले बन्नी के हरवा सोहे माला करे कमाल हाथ में उनके धनुष बिराजे गले मुतियन की माल ब्याहन आये हरे हरे ब्याहन आये सीता मैया
हाथ बन्नी के कंगन सोहे मेहंदी करे कमाल हाथ में उनके धनुष बिराजे गले मुतियन की माल ब्याहन आये हरे हरे ब्याहन आये सीता मैया
पैर बन्नी के पायल सोहे बिछुआ करे कमाल हाथ में उनके धनुष बिराजे गले मुतियन की माल ब्याहन आये हरे हरे ब्याहन आये सीता मैया
अंग बन्नी के साड़ी सोहे चुनरी करे कमाल हाथ में उनके धनुष बिराजे गले मुतियन की माल ब्याहन आये हरे हरे ब्याहन आये सीता मैया
संग बन्नी के बन्ना सोहे जोड़ी करे कमाल हाथ में उनके धनुष बिराजे गले मुतियन की माल ब्याहन आये हरे हरे ब्याहन आये सीता मैया


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