मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले हर घड़ी हर पल जय जय राम निकले हर घड़ी हर पल जय जय राम निकले
मैं तो राघव के गुण गाऊंगी मन मन्दिर में ज्योति जलाऊंगी
राम राम रटते सुबह शाम निकले हर घड़ी हर पल जय जय राम निकले
मेरे अवगुण चित्त से भुला देना मेरी नैया को पार लगा देना
मेरे रोम-रोम में तेरा नाम निकले हर घड़ी हर पल जय जय राम निकले
तेरे चरणों का हर पल ध्यान करूं तेरी महिमा का गुणगान करूं
तेरे ध्यान में ही जीवन तमाम निकले हर घड़ी हर पल जय जय राम निकले
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