कृष्ण भजन : कन्हैया मेरे नैनन आके बसियो



कन्हैया मेरे नैनन आके रहियो
 १- बीच भंवर में मेरी नैया कोई नहीं है मेरा खिवैया
अबकी बार प्रभु डूब न जाऊं बेड़ा पार लगाइयो कन्हैया..
२-सब दर छोड़ तेरे दर आई मेरे मनमोहन मेरे कन्हाई
शरण पड़े की लाज रखो हरि जग को नाथ बचाइयो कन्हैया...
३-मरती बेर जग पीठ दिखाये कोई न काहू के साथ जाये
रुक रुक प्राण कंठ में आये तू मेरे सनमुख रहियो कन्हैया...
 ४- मीरा के प्रभु गिरधर नागर तुम हो नाथ दया के सागर
 जन्म मरण के बंधन काटो मोहे दीनानाथ बचाइयो कन्हैया...

Share:

No comments:

Post a Comment