राम भजन : ये तो अंगूठी मेरे राम की निशानी इसे कौन ले आया (बहुत ही मधुर भजन)



ये तो अंगूठी मेरे राम की निशानी इसे कौन ले आया इसे कौन ले आया मेरे रघुवर की रघुवर की
माता भी छोड़ी मैंने पिता भी छोड़े छोड़ी जनकपुरी मेरे रघुवर की रघुवर की
सासू भी छोड़ी मैंने ससुर भी छोड़े छोड़ी अवधपुरी मेरे रघुवर की रघुवर की
घर भी छोड़ा मैंने महल भी छोड़ा छोड़ी संग की सहेली मेरे रघुवर की रघुवर की
राम भी छोड़े मैंने लछमन भी छोड़े छोड़ी पंचवटी मेरे रघुवर की रघुवर की

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