राम भजन : नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो || शनिवार स्पेशल



नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो चरण हो राघव जहां मेरा ठिकाना हो
१- हो त्याग भरत जैसा सीता सी नारी हो लवकुश के जैसी संतान हमारी हो
२- श्रद्धा हो श्रवण जैसी शबरी सी भक्ति हो हनुमत के जैसी निष्ठा और शक्ति हो
३- मेरी जीवन नैया हो प्रभु राम खिवैया हो राम कृपा की सदा मेरे सिर पर छैंया हो
४- सरयू का किनारा हो निर्मल जल धारा हो दरश मुझे भगवन हर घड़ी तुम्हारा हो
५- लक्षमण सा भाई हो कौशिलया माई हो स्वामी तुम्हारे जैसा मेरा रघुराई हो

Share:

No comments:

Post a Comment