1. भगवन की कचहरी में पेश जब हु मैं, आगे तू वकील बनके खड़ी रहना मैया जी
2. मेरे गुनाहों की किताब जब खोली जाये, तेरे हाथों कलम दबात होवे मैया जी
3. मैं तेरी पतंग मेरी डोर तेरे हाथो में , भूल के भी डोर हाथों छोड़ना न मैया जी
4. भवसागर से पार जब होऊ में, आगे तू मल्लाह बनके खड़ी रहना मैया जी
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