आओ प्यारी सखियों मुझे मेहंदी लगा दो मेहंदी लगा दो मुझे सुंदर सजा दो मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो सत्संग में मेरी बात चलाई सतगुरु ने मेरी कीन्ही सगाई , उनको बुलाके हथलेवा तो करा दो मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो
ऐसी ओढूं चुनरी जो रंग नाही छूटे प्रीति का धागा कबहूं न टूटे , अटल सुहाग की बिंदिया लगा दो मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो
ऐसी पहनूं चूड़ी जो कबहूं न टूटे ऐसा वर ढूंढ़ो जो कबहूं न रूठे , आज मेरी मुतियन से मांग भरा दो मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो
बांध के घुंघरू मैं उनको रिझाऊंगी दुनिया से नाता तोड़ उनकी हो जाऊंगी , सतगुरु बुलाके मेरी डोली तो सजा दो मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो
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