मुरझाए गईं तुलसा हरि के बिना हरि के बिना सालिगराम के बिना मुरझाए गईं तुलसा हरि के बिना
कोरी कोरी मटकी में जल भर लाई नहावें नाही तुलसा हरि के बिना मुरझाए गईं तुलसा हरि के बिना
सोने की थाली में भोजन परोसो खावें नाही तुलसा हरि के बिना मुरझाए गईं तुलसा हरि के बिना
सोने के गढुआ गंगा जल पानी पीवें नाही तुलसा हरि के बिना मुरझाए गईं तुलसा हरि के बिना
लाल लाल चुनरी किनारे गोटे वाली ओढ़ें नाही तुलसा हरि के बिना मुरझाए गईं तुलसा हरि के बिना
जब श्री हरि ने दरश दिखाये मुस्काय रहीं तुलसा हरि संग मा हरि संग मा सालिगराम संग मां
No comments:
Post a Comment