शिव गौरा भजन :भोले बाबा से कह रहीं पार्वती तुम सुनियो जी कैलाश पति



भोले बाबा से कह रहीं पार्वती तुम सुनियो जी कैलाशपति
१- भोले कैसे हैं भाग्य हमारे कोई घर है न कोई द्वारे तेरी भंगिया घोंटू खड़ी खड़ी तुम.....
२- भोले जिस दिन से ब्याह के आई कभी रंग महल में न सोई, एक ऐसा महल बनादो पति हम दोनो रहें उसमें जा के पति....
३- भोले बाबा ने महल बनवाया उसका लंका नाम धराया सारे देवों में कैसी ये हलचल मची । तुम....
४- गौरा रानी ने हवन कराया रावण पंडित बुलवाया और दान मे दे दयी लंकापुरी । तुम...
५- रावण मन में हरषाया देखो कैसी प्रभु जी की माया देखो रावण से बन गया लंकापति तुम रह गये बस कैलाशपति।...

Share:

No comments:

Post a Comment