कृष्ण भजन : मेरा मन बैरागी हो गया बृंदावन ( सुनिए प्यारा सा कृष्ण भजन)



मेरा मन बैरागी हो गया बृंदावन की गलियों में बृंदावन की गलियों में बरसाने की गलियों में जो होना था वो हो गया बृंदावन की गलियों में
सावन की मस्त बहारें यहां रिमझिम करें फुहारें मन बंशी की धुन खो गया बृंदावन की गलियों में
मैं बृंदावन में आया मुझे श्याम नहीं मिल पाया मुझे ऐसा धोखा हो गया बृंदावन की गलियों में
मैं बरसाने में आया राधा का ध्यान लगाया राधा संग दर्शन हो गया बृंदावन की गलियों में
मैं बृंदावन में आया कान्हा का दर्शन पाया मेरा अपना आपा खो गया बृंदावन की गलियों में
मेरा मन मतवाला हो गया बृंदावन की गलियों में

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