शिव गौरा भजन : पीहर न जाओ गौरा मेरा निरादर है (एकदम नया भजन आपके लिए)




पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है
 १-गौरा तेरे बाबुल ने एक यज्ञ रचाया है सबको निमंत्रण दिया पर हमें न बुलाया है
 २-गौरा तेरे बाबुल तो बड़े अभिमानी है यज्ञ रचाया है हमें तुम्हे न बुलाया है
३- सुनते ही गौरा रानी पवन की चाल चली यज्ञ में पहुंच गई कोई मुख से न बोला है
 ४- चकित हुईं गौरा कुछ न समझ पाई यज्ञ में कूद गई अपना सब कुछ गवांया है
  ५- सुनते ही भोले बाबा यज्ञ में पहुंच गए गौरा को लेकर के चारों दिशा में घुमाय है
६- जहां जहां अंग गिरे शक्ति पीठ कहलाई शिव शक्ति लीला को कोई जान न पाया है



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