लाल चुनरिया मां की लाली है किनरिया जरा देखन दो जरा देखन दो कैसी लग रहीं हैं जग जननी अगले वर्ष मां को टीका बनवाऊंगी दोनों हाथों से अपनी मैया को पहनाऊंगी जरा देखन दो जरा देखन दो कैसी लग रहीं हैं जग जननी अगले वर्ष मां को हरवा बनवाऊंगी दोनों हाथों से अपनी मैया को पहनाऊंगी जरा देखन दो जरा देखन दो कैसी लग रही हैं जग जननी अगले वर्ष मां को कंगन बनवाऊंगी दोनों हाथों से अपनी मैया को पहनाऊंगी जरा देखन दो जरा देखन दो कैसी लग रहीं हैं जग जननी अगले वर्ष मां को पायल बनवाऊंगी दोनों हाथों से अपनी मैया को पहनाऊंगी जरा देखन दो जरा देखन दो कैसी लग रहीं हैं जग जननी अगले वर्ष मां को चूनर ले आऊंगी दोनों हाथों से अपनी मैया को ओढाऊंगी जरा देखन दो जरा देखन दो कैसी लग रहीं हैं जग जननी अगले वर्ष मां को हलुआ बनाऊंगी दोनों हाथों से अपनी मैया को खिलाऊंगी जरा देखन दो जरा देखन दो कैसे खा रहीं हैं जग जननी
माता भजन : लाल चुनरिया मां की लाली है ( सरल, मधुर और सुंदर भेंट नवरात्रि स्पेशल में )
लाल चुनरिया मां की लाली है किनरिया जरा देखन दो जरा देखन दो कैसी लग रहीं हैं जग जननी अगले वर्ष मां को टीका बनवाऊंगी दोनों हाथों से अपनी मैया को पहनाऊंगी जरा देखन दो जरा देखन दो कैसी लग रहीं हैं जग जननी अगले वर्ष मां को हरवा बनवाऊंगी दोनों हाथों से अपनी मैया को पहनाऊंगी जरा देखन दो जरा देखन दो कैसी लग रही हैं जग जननी अगले वर्ष मां को कंगन बनवाऊंगी दोनों हाथों से अपनी मैया को पहनाऊंगी जरा देखन दो जरा देखन दो कैसी लग रहीं हैं जग जननी अगले वर्ष मां को पायल बनवाऊंगी दोनों हाथों से अपनी मैया को पहनाऊंगी जरा देखन दो जरा देखन दो कैसी लग रहीं हैं जग जननी अगले वर्ष मां को चूनर ले आऊंगी दोनों हाथों से अपनी मैया को ओढाऊंगी जरा देखन दो जरा देखन दो कैसी लग रहीं हैं जग जननी अगले वर्ष मां को हलुआ बनाऊंगी दोनों हाथों से अपनी मैया को खिलाऊंगी जरा देखन दो जरा देखन दो कैसे खा रहीं हैं जग जननी
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