माता भजन : आंखें बंद करूं या खोलूं सामने बैठीं जगदम्बा (मन को मोह लेने वाला भजन)


जयोति जलाई जब मैया की हो हो हो छम-छम बाजी पायलिया आंखें बंद करूं या खोलूं सामने बैठीं जगदम्बा गंगा जल से चरण धुलाये आसन पर बैठाया जब मैया को बिंदिया लगाई मैया बहुत मुस्काईं आंखें बंद करूं या खोलूं सामने बैठीं जगदम्बा चुन चुन कलियां माला गूंथी फूलों का हार बनाया जब मैया को चुनरी ओढ़ाई मैया बहुत मुस्काईं आंखें बंद करूं या खोलूं सामने बैठीं जगदम्बा ढोलक लाई चिमटा लाई सखियों को बुलवाया जब मैया को भेंटें सुनाईं मैया बहुत मुस्काईं आंखें बंद करूं या खोलूं सामने बैठीं जगदम्बा हलुआ पूड़ी खीर बनाई मां ने रूचि रूचि खाया जब मैया ने झोली भर दी मैया बहुत मुस्काईं आंखें बंद करूं या खोलूं सामने बैठीं जगदम्बा



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