जब से सती ने छोड़ा शिव का ठिकाना भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना
तेरे पिता ने यज्ञ रचाया सबको बुलाया पर हमें न बुलाया जाऊंगी जरुर मैंने मन में है ठाना भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना
बिना बुलाए जाते नही हैं जाते नही जो धोखा खाते नही हैं मानो हमारी तुम्हे पड़े पछताना भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना
सब देवों के आसन लगे हैं मेरे पति का कोई आसन नही है जल के मरूंगी मैंने मन में है ठाना भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना
कैलाश पर्वत पे शोर हुआ है भोले बाबा को बड़ा क्रोध हुआ है
चले वहां से जैसे पवन रवाना भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना
जहां सती के अंग गिरे हैं वहां वहां सुंदर मन्दिर बने हैं चरणों में झुके वहां सारा जमाना भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना
नैन गिरे वहां नैना देवी मन गिरा वहां मनसा देवी चिंतपूर्णी का प्यारा नजराना भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना
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