माता भजन : खिले रे गुलाब के फूल मैया को चढ़ाने को (नवरात्रि स्पेशल में बहुत सुन्दर भेंट)


खिलें खिलें रे गुलाब के फूल मैया को चढ़ाने को कान मैया के झुमका सोहे मन भाये रे मैया की बिंदिया लाल मैया को लगाने को खिलें खिलें रे गुलाब के फूल नाक मैया के नथुनी सोहे मन भाये रे मैया की लाली लाल मैया को लगाने को खिलें खिलें रे गुलाब के फूल गले मैया के हरवा सोहे मन भाये रे मैया की माला लाल मैया को पहनाने को खिलें खिलें रे गुलाब के फूल हाथ मैया के कंगन सोहे मन भाये रे मैया की मेंहदी लाल मैया को रचाने को खिलें खिलें रे गुलाल के फूल अंग मैया के साड़ी सोहे मन भाये रे मैया की चुनरी लाल मैया को ओढ़ाने को खिलें खिलें रे गुलाब के फूल पैर मैया के पायल सोहे मन भाये रे मैया की महावर लाल मैया को लगाने को खिलें खिलें रे गुलाब के फूल भोग मैया के हलुआ पूड़ी मैं तो रूचि रूचि भोग लगाऊं मैया को खिलाने को खिलें खिलें रे गुलाब के फूल संग मैया के संगत सोहे मन भाये रे मैया का कीर्तन आज मैया को मनाने को खिलें खिलें रे गुलाब के फूल

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