माता भजन : तेरा भवन है कितनी दूर छाले पड़ गए (नवरात्री स्पेशल में मधुर भजन मधुर नृत्य)


मेरी अम्बे मां से पूछना जगदम्बे मां से पूछना तेरा भवन है कितनी दूर छाले पड़ गए पांव में मैया कोयल कूं कू़ बोल रही और पपीहा मचायें शोर छाले पड गये पांव में मेरी अम्बे मां से पूछना मैया रिमझिम बरषा हो रही और घटा हुई घनघोर छाले पड़ गए पांव में मेरी अम्बे मां से पूछना मैया छत्र नारियल भेंट चढ़ाऊं तेरी ज्योति जलाऊं सुबह शाम छाले पड़ गए पांव में मेरी अम्बे मां से पूछना मैया हलुआ छोले का भोग लगाऊं तेरा भंडारा कराऊं हर साल छाले पड़ गए पांव में मेरी अम्बे मां से पूछना तेरे आगे हनुमत चल रहे तेरे पीछे भैरव चल रहे तेरे भवन की ऊंची शान छाले पड़ गए पांव में मेरी अम्बे मां से पूछना मैया शेर सवारी आ रही तेरी हो रही जय जयकार छाले पड़ गए पांव में मेरी अम्बे मां से पूछना

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