एकादशी भजन : जगदीश हरे गोपाल हरे गोपाल हरे


जगदीश हरे जगदीश हरे गोपाल हरे गोपाल हरे
मैंने सोने का दान बद्रीनाथ में किया मेरी ग्यारस के बराबर ओ भी न हुआ जगदीश हरे जगदीश हरे गोपाल हरे गोपाल हरे
मैंने चांदी का दान केदारनाथ में किया मेरी ग्यारस के बराबर ओ भी न हुआ जगदीश हरे जगदीश हरे गोपाल हरे गोपाल हरे
मैंने अन्न का दान जगन्नाथ में किया मेरी ग्यारस के बराबर ओ भी न हुआ जगदीश हरे जगदीश हरे गोपाल हरे गोपाल हरे
मैंने गऊ का दान बृंदावन में किया मेरी ग्यारस के बराबर ओ भी न हुआ जगदीश हरे जगदीश हरे गोपाल हरे गोपाल हरे
मैंने कन्या का दान जमाई राजा को किया मेरी ग्यारस के बराबर ओ भी न हुआ जगदीश हरे जगदीश हरे गोपाल हरे गोपाल हरे
मैंने तुलसी का दान सालिगराम को किया मेरी ग्यारस के बराबर पूरा ओ हुआ जगदीश हरे जगदीश हरे गोपाल हरे गोपाल हरे




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